5 Simple Statements About Shodashi Explained
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हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?
॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥
वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।
Shiva after the Demise of Sati had entered into a deep meditation. Devoid of his energy no generation was possible and this triggered an imbalance in the universe. To bring him outside of his deep meditation, Sati took delivery as Parvati.
It truly is an working experience with the universe in the unity of consciousness. Even inside our normal state of consciousness, Tripurasundari is definitely the natural beauty that we see in the world all-around us. Whichever we understand externally as wonderful resonates deep within just.
काञ्चीपुरीश्वरीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१०॥
देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के more info रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
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लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-
कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥